बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के द्वारा ली जानी वाली परीक्षा 70th CCE 2024 को लेकर पुरे छात्रों के बीच में Normalisation को हटाने की मांग को लेकर आक्रोश है। आज सुक्रबार Dec 6 को, हजारों की संख्या में छात्र एवं छात्रों का धरना प्रदशन हुआ जिसमे बिहार पुलिस के द्वारा भयानक तरिके से लाठी चार्ज हुआ। BPSC 70th CCE 2024 में Normalisation के खिलाफ प्रदशन कर रहे, खान सर को भी हिरासत में ले लिया गया है, गुरु रहमान सर भी मौके पे मौजूद थे. भारी संख्या में students गर्दनीबाग धरनास्थल पे डटे हुए है।
दोस्तों, आपको बता दें की सरकार एवं आयोग के तानाशाह रवैये के खिलाफ भारी तादात में students नारेबाजी कर रहे हैं। हालाँकि, खान सर ने छात्रों से अपील किये की वो शांतिपूर्ण तरिके से ही अपनी मांग को रखें। बाद में गर्दनीबाग पुलिस के द्वारा सर को हिरासत में ले लिया गया। दोस्तों, आइये जानते हैं normalisation क्या है और ये कैसे BPSC 70th CCE 2024 परीक्षा में छात्रों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है?
क्या है Normalisation ?
जब किसी परीक्षा को एक शिफ्ट के बजाय मल्टीप्ल शिफ्ट में आयोजित करवाया जाता है तो उसके लिए एक से ज्यादा दिन एवं अलग अलग सेट ऑफ़ question पेपर सेट किया जाता है। इस तरीके से लिए गए परीक्षा को हमलोग ये समझते हैं की इस परीक्षा में normilisation हुआ। हालाँकि इसका और भी टेक्निकल मतलब है।
Normalisation को इस तरीके से समझें
जैसा की हम जानते हैं की बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा प्रस्तावित परीक्षा डेट 13 दिसंबर है। अगर इस परीक्षा में कुल स्टूडेंट्स के द्वारा प्राप्त किया गया औसत अंक 150 में से 105 आता है। अगर यही परीक्षा किसी और दिन आयोजित होता है और उसमे कुल विद्यार्थियों का औसत अंक 100 ही रहता है तो ऐसे में आयोग कठिन और सामान्य प्रश्नो के मानक स्टूडेंट्स के औसत प्राप्त अंक के आधार पे करेगा।
इस हिसाब से छात्रों का नंबर दोनों दिन में होने वाली परीक्षा के औसत के आधार पर Normalisation करके 102.5 के आसपास कर दिया जायेगा। ऐसे में हो सकता है दूसरे दिन में होने वाली परीक्षा में स्टूडेंस का अंक बढ़ जायेगा। जबकि पहले दिन वाले विद्यार्थियों का अंक काम भी सकता है। यही सब मुख्य कारणों की वजह से विद्यार्थी विरोध कर रहे थे जिसपे लाठी बरसाया गया।
किन तरह के परीक्षाओं में लागू है ये Normalisation का तरीका ?
एक से अधिक शिफ्ट या दिन में आयोजित होने वाले सरकारी परीक्षाओं में औसत अंक का मानक के लिए normalisation का तरीका अपनाया जाता है। SSC, Banking, UPPolice, NTPC, NTA, RRB जैसे कई संसथान एक से जयदा शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करवा normalisation से अंक निर्धारण करती है।
हालाँकि, खान सर के द्वारा मीडिया में दिया इंटरव्यू के हिसाव से , उनका यह मानना है की यह normalisation का प्रक्रिया मैथ के विषय वाले एग्जाम में जयदा कारगर है। सामन्य विज्ञानं (GS) में यह तय करना मुश्किल है की कौन सा सवाल आसान है या कठिन। इसलिए उनका भी मानना है यह तरीका पुरे तरह से सही नहीं है।